Kahani Ramayan Ki भारत के अलावा दुनिया के इन  देशों की है अपनी रामायण

Kahani Ramayan Ki भारत के अलावा दुनिया के इन  देशों की है अपनी रामायण

  • Kahani Ramayan Ki
  • 300 से ज्यादा रामकथाएं
  • भारत के अलावा 9 देशों की है अपनी रामायण
  • वाल्मीकि से 100 साल पहले लिखी गई थी पहली कहानी
  • पहली बार राम शब्द ऋग्वेद में मिला, सीता भी वैदिक ऋचाओं का रही हैं हिस्सा
  • सबसे ज्यादा संस्कृत और उड़िया में राम कथा

Kahani Ramayan Kiदूरदर्शन पर ऐतिहासिक सीरियल रामायण लॉकडाउन 2.0 के खत्म होने के साथ ही समाप्त हो गया। रामायण बनाने में निर्देशक रामानंद सागर की टीम ने 25 से ज्यादा रामकथाओं पर रिसर्च की। लेकिन, रामकथाएं इससे भी अधिक हैं। रामायण पर लिखा गया पहला ग्रंथ वाल्मीकि रामायण भी नहीं है, पहला ग्रंथ दशरथ जातक है।

 भारत के अलावा दुनिया के इन  देशों की है अपनी रामायण

300 से ज्यादा ऐसी रामकथाएं हैं जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित हैं। इसके अलावा 2 से 3 हजार लोक कथाएं भी हैं, जो राम कथा से जुड़ी हुई हैं। भारत के अलावा 9 और देश हैं जहां किसी ना किसी रुप में रामकथा सुनी और गाई जाती है। कम ही लोग जानते हैं कि अपनी डिक्शनरी के लिए पहचाने जाने वाले बेल्जियम के प्रो. कामिल बुल्के ने रामकथा पर सबसे गहन शोध किया है। इस पर उनकी एक किताब भी प्रकाशित है, रामकथाः उत्पत्ति और विकास।

इसमें उन्होंने दुनियाभर की रामकथाओं का विश्लेषण किया है। लोगों में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस सबसे ज्यादा प्रचलित है और रामकथा के रूप में घर-घर में वही पूजी भी जाती है लेकिन मूल रामकथा महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण को ही माना जाता है। रामचरितमानस सहित सारी रामकथाएं वाल्मीकि रामायण से ही प्रेरित हैं। प्रो. बुल्के की ही पुस्तक रामकथाः उत्पत्ति और विकास से अलग-अलग रामकथाओं पर कुछ रोचक तथ्यों का संकलन कुछ इस प्रकार है।

 

Kahani Ramayan Ki भारत के अलावा दुनिया के इन  देशों की है अपनी रामायण

    • ऋग्वेद में है राम का सबसे पहला उल्लेख 
    • ऋग्वेद ने सीता को कृषि की देवी माना है।
    • अशोक वाटिका से लंका दहन का सबसे अलग किस्सा
      हनुमान का लंका में जाकर सीता से मिलना, अशोक वाटिका उजाड़ना और लंका को जलाने वाला प्रसंग तो लगभग सभी को पता है। लेकिन कुछ रामकथाओं में इसमें भी बहुत अंतर मिलता है। जैसे 14वीं शताब्दी में लिखी गई आनंद रामायण में उल्लेख मिलता है कि जब सीता से अशोकवाटिका में मिलने के बाद हनुमान को भूख लगी तो सीता ने अपने हाथ के कंगन उतारकर हनुमान को दिए और कहा कि लंका की दुकानों में ये कंगन बेचकर फल खरीद लो और अपनी भूख मिटा लो। सीता के पास दो आम रखे थे, सीता ने वो भी हनुमान को दे दिए। हनुमान के पूछने पर सीता ने बताया कि ये फल इसी अशोक वाटिका के हैं, तब हनुमान ने सीता से कहा कि वे इसी वाटिका से फल लेकर खाएंगे।
    • विभीषण के लिए बनाई थी नई लंका सेरीराम रामायण सहित कुछ रामायणों में एक प्रसंग मिलता है कि रावण ने विभीषण को समुद्र में फिंकवा दिया था। वह एक मगर की पीठ पर चढ़ गया, बाद में हनुमान ने उसे बचाया और राम से मिलवाया। विभीषण के साथ रावण का एक भाई इंद्रजीत भी था और एक बेटा चैत्रकुमार भी राम की शरण में आ गया था। राम ने विभीषण को युद्ध के पहले ही लंका का अगला राजा घोषित कर दिया था। रंगनाथ रामायण में उल्लेख मिलता है कि विभीषण के राज्याभिषेक के लिए हनुमान ने एक बालूरेत की लंका बनाई थी। जिसे हनुमत्लंका (सिकतोद्भव लंका) के नाम से जाना गया।
    • भारत के बाहर रामकथाएं

    भारत के अलावा दुनिया के इन  देशों की है अपनी रामायण

    नेपाल भानुभक्तकृत रामायण, सुन्दरानन्द रामायण, आदर्श राघव
    कंबोडिया रामकर
    तिब्बत तिब्बती रामायण
    पूर्वी तुर्किस्तान खोतानी रामायण
    इंडोनेशिया ककबिनरामायण
    जावा सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानी रामकथा
    इण्डोचायना रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैर रामायण
    बर्मा (म्यांम्मार) यूतोकी रामयागन
    थाईलैंड रामकियेन

    भारत में लगभग हर भाषा में रामकथा है लेकिन सबसे ज्यादा संभवतः संस्कृत और उड़िया भाषा में ही है। संस्कृत में करीब 17 तरह की छोटी-बड़ी रामकथाएं हैं, जिनमें वाल्मीकि, वशिष्ठ, अगस्त्य और कालिदास जैसे ऋषियों और कवियों की रचनाएं हैं। वहीं उड़िया भाषा में करीब 14 तरह की अलग-अलग रामकथाएं हैं। सभी के कथानक मूलतः वाल्मीकि रामायण से ही प्रेरित हैं।

  • Source : Daink Bhaskar