Dr. Mahraj Deen Pandey साहित्य में नवीनतम सृजन के लिए #गोंडा जिले के प्रख्यात शिक्षाविद् और साहित्यकार #डॉ._महराजदीन_पांडेय को सम्मानित किया गया है। डॉ. पाण्डेय को सम्मान प्राप्त होने पर शिक्षाविदों और लोगों ने खुशी जताई है।
वर्तमान में डॉ. महराज दीन पाण्डेय अध्यक्ष व एसोसिएट प्रोफेसर संस्कृत विभाग, आचार्य नरेंद्रदेव किसान स्नातकोत्तर महाविदलय #बभनान में कार्यरत हैं। उनको उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लख़नऊ ने उनके सन्देश काव्य मध्ये यक्षमेघ पर 2017 का कालिदास पुरस्कार प्रदान किया है। इस पुरस्कार में 51 हजार रुपये धनराशि प्रदान की जाती है।
डॉ. पाण्डेय का जन्म जिले की तरबगंज तहसील के ग्राम महादेव निश्चल पुरवा में 30 नवम्बर 1956 को हुआ था। इससे पहले उनके काव्य मौनवेधः के लिये डॉ. पाण्डेय को उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी लख़नऊ का संस्कृत साहित्य पुरस्कार 1990 में मिल चुका है।
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उनकी अन्य कृतियों में बीसवीं शताब्दी के संस्कृत महाकाव्यों में राष्ट्रीय चेतना(समालोचना) और काक्षेण वीक्षितम् (संस्कृत ग़ज़ल गीति सन्ग्रह ) है। डॉ. पाण्डेय ने वीरभद्र रचनावली (दिवभागात्मिका ) का सम्पादन भी किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताये और हिंदी- संस्कृत भाषाओं में उनके शोध लेख प्रकाशित हुए हैं।