गोंडा में शिव मंदिर जिसके पाताल लोक से जुड़े होने की है मान्यता
- भगवान शंकर “शिव ” जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है सुभगनाथ मंदिर
- श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली , पाताल लोक से जुड़े होने की भी है मान्यता
- यही पर अयोध्या नरेश महराजा दसरथ ने किया था पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ
Subhagnath Lord Shiva Temple भगवान शंकर “शिव ” जी का यह सुप्रसिद्ध मंदिर गोण्डा जिला मुख्यालय से लगभग २३ किलोमीटर उत्तर एवं जिले के परसपुर ब्लॉक से ३ किलोमीटर दक्षिण दिशा के सिंगारिया गाँव स्थित है |
How To Reach Shubhag Nath Temple
Subhagnath Lord Shiva Temple में शिव के दर्शन हेतु अगर आप जाना चाह रहें है तो यहाँ आवागमन के साधन एवं मार्ग जानना आवश्यक है | आप को यह जानकार हैरानी होगी कि यहाँ केवल सड़क मार्ग से ही आवागमन किया जा सकता है और वह भी केवल निजी वाहन से ही पहुंचा जा सकता है | अन्य वाहनों से आवागमन करने पर आप को लगभग किलोमीटर तक यात्रा पैदल करनी पड़ सकती है |
History of Shubhag Nath Temple
मान्यता है की भगवान शिव शम्भू के इस सुभगनाथ मंदिर का सम्बन्ध पातळ लोक से जुड़ा है | यहाँ पर स्थित शिवलिंग की लम्बाई जानने के लिए कई बार इस स्थल की खुदाई भी करायी गयी पर शिवलिंग की माप नहीं हो सकी |इसी स्थल पर श्रृंगी ऋषि जी का आश्रम भी स्थित हैं और यहीं इनकी तपोस्थली भी है | श्रृंगी ऋषि के आश्रम और उनकी तपोस्थली के कारण ही इस स्थान का नाम सिंगरिया पड़ा | कहा जाता है की अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति की लिए यहीं पर यज्ञ कराया था और भोलेनाथ की कृपा से उन्हें राम , लक्ष्मण , भरत और शत्रुघ्न जैसे यशस्वी और प्रतापी पुत्र रत्नो की प्राप्ति हुई |
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